दक्षिण भारत ( चोल युग/साम्राज्य)
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Q.1) चोल साम्राज्य को अंततः किसने समाप्त किया -
A. महमूद गजनवी ने
B. बख्तियार खिलजी ने
C. मुहम्मद गौरी ने
D. मालिक काफूर ने
A. महमूद गजनवी ने
B. बख्तियार खिलजी ने
C. मुहम्मद गौरी ने
D. मालिक काफूर ने
Answer: Option (D)
Answer Description: अलाउद्दीन खिलजी के सेनानायक मालिक काफ़ूर ने अपने दक्षिण विजय के दौरान चोल शासन का अंत किया इस विषय का स्पष्ट विवरण अमीर खुसरो की प्रसिद्द कृति "खाजयीन-उल-फुतूह" में मिलती है अमीर खुसरो अलाउद्दीन खिलजी का दरबारी कवि था
Answer Description: अलाउद्दीन खिलजी के सेनानायक मालिक काफ़ूर ने अपने दक्षिण विजय के दौरान चोल शासन का अंत किया इस विषय का स्पष्ट विवरण अमीर खुसरो की प्रसिद्द कृति "खाजयीन-उल-फुतूह" में मिलती है अमीर खुसरो अलाउद्दीन खिलजी का दरबारी कवि था
Q.2) पांड्य राज्य की जीवन रेखा कौन सी नदी थी -
A. गोदावरी
B. वेंगी
C. तुंगभद्रा
D. कृष्णा
A. गोदावरी
B. वेंगी
C. तुंगभद्रा
D. कृष्णा
Answer: Option (B)
Answer Description: वेंगी नदी मदुरई के समीप तमिलनाडु से निकलती है वहीँ पाण्ड्य राज्य कावेरी नदी के दक्षिण भाग में बसा था; वेंगी नदी वाला प्रदेश अपनी अधिक उर्वरता के लिए जाना जाता था
Answer Description: वेंगी नदी मदुरई के समीप तमिलनाडु से निकलती है वहीँ पाण्ड्य राज्य कावेरी नदी के दक्षिण भाग में बसा था; वेंगी नदी वाला प्रदेश अपनी अधिक उर्वरता के लिए जाना जाता था
Q.3) निम्न तमिल ग्रंथों में से किसे "लघुवेद" की संज्ञा दी गई है -
A. नन्दिकलम्बकम
B. कलिन्गत्तुपर्णी
C. कुराल
D. पेरियापुरानम
A. नन्दिकलम्बकम
B. कलिन्गत्तुपर्णी
C. कुराल
D. पेरियापुरानम
Answer: Option (C)
Answer Description: धार्मिक कविताओं का संकलन 'कुरल/कुराल' तमिल भाषा का बाइबिल व लघुवेद माना जाता है इसे 'मुप्पाल' भी कहा जाता है इसके रचनाकार कवि तिरुवल्लूर जी है अनुश्रुतियों के अनुसार यह ब्रह्मा जी के अवतार थे
Answer Description: धार्मिक कविताओं का संकलन 'कुरल/कुराल' तमिल भाषा का बाइबिल व लघुवेद माना जाता है इसे 'मुप्पाल' भी कहा जाता है इसके रचनाकार कवि तिरुवल्लूर जी है अनुश्रुतियों के अनुसार यह ब्रह्मा जी के अवतार थे
Q.4) निम्न राजवंशों में से किसका उल्लेख संगम साहित्य में नहीं हुआ है -
A. चोल
B. चेर
C. पांड्य
D. कदंब
A. चोल
B. चेर
C. पांड्य
D. कदंब
Answer: Option (D)
Answer Description: संगम साहित्य में केवल पाण्ड्य,चेर और चोल राजाओं का ही उल्लेख मिलता है
Answer Description: संगम साहित्य में केवल पाण्ड्य,चेर और चोल राजाओं का ही उल्लेख मिलता है
Q.5) चोल साम्राज्य की राजधानी थी -
A. तंजौर
B. उरैयुर
C. वातापी
D. A और B दोनों
A. तंजौर
B. उरैयुर
C. वातापी
D. A और B दोनों
Answer: Option (D)
Answer Description: चोलो की राजधानी थी - तंजौर, गंगेकोंडचोलपुरम तथा उरेयूर(संगम काल में)
Answer Description: चोलो की राजधानी थी - तंजौर, गंगेकोंडचोलपुरम तथा उरेयूर(संगम काल में)
Q.6) चोल युग निम्न में से किसके लिए प्रसिद्द था -
A. ग्रामीण सभाएं
B. धार्मिक विकास
C. राष्ट्रकूटों से युद्ध
D. कर संग्रह प्रणाली का सस्ता व उचित होना
A. ग्रामीण सभाएं
B. धार्मिक विकास
C. राष्ट्रकूटों से युद्ध
D. कर संग्रह प्रणाली का सस्ता व उचित होना
Answer: Option (A)
Answer Description: चोलों के अधीन ग्राम प्रशासन में ग्राम सभा की कार्यकारिणी समितियों की कार्यप्रणाली का व्योरा हम 'उत्तर मेरूर' से प्राप्त लेखों के माध्यम से प्राप्त करते हैं प्रत्येक ग्राम में अपनी सभा होती थी जो अक्सर केन्द्रीय नियंत्रण से मुक्त होकर स्वतंत्र रूप से ग्राम शासन का सञ्चालन करती थी
Answer Description: चोलों के अधीन ग्राम प्रशासन में ग्राम सभा की कार्यकारिणी समितियों की कार्यप्रणाली का व्योरा हम 'उत्तर मेरूर' से प्राप्त लेखों के माध्यम से प्राप्त करते हैं प्रत्येक ग्राम में अपनी सभा होती थी जो अक्सर केन्द्रीय नियंत्रण से मुक्त होकर स्वतंत्र रूप से ग्राम शासन का सञ्चालन करती थी
Q.7) निम्न में से किस मंदिर परिषद् में एक भारी-भरकम नंदी की मूर्ती है जिसे भारत की विशालतम नंदी मूर्ती माना जाता है
A. कंदरिया महादेव मंदिर
B. लेपाक्षी मंदिर
C. वृहदेश्वर मंदिर
D. लिंगराज मंदिर
A. कंदरिया महादेव मंदिर
B. लेपाक्षी मंदिर
C. वृहदेश्वर मंदिर
D. लिंगराज मंदिर
Answer: Option (C)
Answer Description: तंजौर में स्थित 'वृहदेश्वर मंदिर' चोल स्थापत्य का द्रविड़ शैली का अनूठा नमूना है इस मंदिर का निर्माण चोल शासक 'राजराज प्रथम' ने करवाया था
Answer Description: तंजौर में स्थित 'वृहदेश्वर मंदिर' चोल स्थापत्य का द्रविड़ शैली का अनूठा नमूना है इस मंदिर का निर्माण चोल शासक 'राजराज प्रथम' ने करवाया था
Q.8) शिव की 'दक्षिणामूर्ती' प्रतिमा उन्हें किस रूप में प्रदर्शित करती है -
A. विश्राम करते हुए
B. नृत्य करते हुये
C. ध्यानमग्न
D. शिक्षक
A. विश्राम करते हुए
B. नृत्य करते हुये
C. ध्यानमग्न
D. शिक्षक
Answer: Option (D)
Answer Description: इस रूप में शिव जी अपने भक्तों को सभी प्रकार का ज्ञान प्रदान करते हुए माने गए हैं
Answer Description: इस रूप में शिव जी अपने भक्तों को सभी प्रकार का ज्ञान प्रदान करते हुए माने गए हैं
Q.9) चोल काल में निर्मित नटराज की कांसे की प्रतिमाओं में देवाकृति प्रायः -
A. अष्ट भुज है
B. षडभुज है
C. द्विभुज है
D. चतुर्भुज है
A. अष्ट भुज है
B. षडभुज है
C. द्विभुज है
D. चतुर्भुज है
Answer: Option (D)
Answer Description: यह चोल कलाकारों के 'तक्षण कला' को दर्शाता है इस काल में बनी प्रतिमाओं में 'नटराज शिव की कांसे की प्रतिमाएं' सर्वाधिक विख्यात हुईं यह मूर्तियाँ प्रायः चतुर्भुज आकार की हैं
Answer Description: यह चोल कलाकारों के 'तक्षण कला' को दर्शाता है इस काल में बनी प्रतिमाओं में 'नटराज शिव की कांसे की प्रतिमाएं' सर्वाधिक विख्यात हुईं यह मूर्तियाँ प्रायः चतुर्भुज आकार की हैं
Q.10) चोल शासकों के शासनकाल में निम्न में से कौन सा वारियम स्वर्ण समिति को देखती थी -
A. पान वारियम
B. टोटवारियम
C. एरि वारियम
D. सम्वत्सर वारियम
A. पान वारियम
B. टोटवारियम
C. एरि वारियम
D. सम्वत्सर वारियम
Answer: Option (A)
Answer Description: चोल काल में गाँव की गतिविधियों की देख रेख हेतु एक कार्यकारिणी समिति बनाई गई थी जिसमे उनका कार्य निम्न है : टोट वारियम : उद्यान प्रशासन का कार्य; पान वरियम : स्वर्ण समिति ; एरि वारियम : तालाब समिति और सम्वत्सर वारियम : वार्षिक समिति
Answer Description: चोल काल में गाँव की गतिविधियों की देख रेख हेतु एक कार्यकारिणी समिति बनाई गई थी जिसमे उनका कार्य निम्न है : टोट वारियम : उद्यान प्रशासन का कार्य; पान वरियम : स्वर्ण समिति ; एरि वारियम : तालाब समिति और सम्वत्सर वारियम : वार्षिक समिति
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